दोस्तों ,आपने सुना होगा कि समय से पहले और ज़रूरत से अधिक किसी को कुछ नहीं मिलता |लेकिन इस बात को भारत के (Youngest CEO) Ritesh Agarwal Success Story ने गलत साबित कर के दिखाया है |जी हाँ ,आज रितेश अग्रवाल 360 करोड़ के मालिक हैं |उनको सफलता एक दो दिन में नहीं मिली है वरन बहुत छोटी उम्र् में ही उनके दिमाग में ऐसा कुछ करने का विचार चल रहा था |इसलिए यह सच है की यदि आपको पता है कि आपको आगे क्या करना है तो रास्ते अपने आप खुलते जाते हैं ,और व्यक्ति मुकाम की तरफ चल पड़ता है |आपने देखा होगा की लोगों को बहुत वर्षों बाद सफलता हासिल होती है |लेकिन रितेश अग्रवाल ने मात्र 21 वर्ष की उम्र में ही यह मुकाम हासिल कर लिया है |
परिचय :
रितेश अग्रवाल का जन्म 16 नवम्बर 1993 में ओडिशा के बिसम कटक में हुआ था उनके परिवार में माता -पिता और तीन भाई -बहन हैं |वे एक व्यावसायिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं |अर्थात परिवार के वातावरण का उनके जीवन पर बहुत प्रभाव था |हालाँकि उनके अभिभावक चाहते थे की रितेश इंजिनियर बने लेकिन रितेश की मंजिल तो कुछ और ही थी |उन्होंने अपनी 12 th तक की पढाई Secret Heart School से की बाद में IIT में प्रवेश लिया |जिसकी तैयारी हेतु उन्हें कोटा जाना पड़ा |लेकिन अपनी पढाई को उन्होंने बीच में ही छोड़ दिया |इसके बाद उन्होंने अपने idea को सफल बनाने के लिए दिन रात एक कर दिया |
प्रेरक घटना :
रितेश अग्रव ल को घूमने फिरने का बहुत शौक था |जब भी उन्हें मौका मिलता वे घूमने निकल पड़ते |जब भी वे घूमने के लिए अन्य शहर जाते तो उनको रुकने की परेशानी होती | वे साधारणतया सस्ते होटल में ही रुकते थे |उनके जीवन में एक ऐसी घटना घटी जिसने उनको आगे बढ़ने की प्रेरणा दी |एक बार उनका दिल्ली में घर अंदर से लॉक हो गया |इसलिए उनको रात को सोने के लिए मजबूरन बाहर होटल में कमरा ढूँढने जाना पड़ा |इसका यह प्रभाव पड़ा की पहले तो अचानक होटल मिलना बेहद मुश्किल था फिर मिलने के बाद उसमे तकिया ,,बिस्तर ,बाथरूम आदि बहुत गंदे थे |साथ ही उसमे कार्ड द्वारा पेमेंट भी नहीं हो सकता था ,बस तभी रितेश के मन में ख़याल आया कि क्यों न मै यह काम करूँ की भारत में लोगों को सस्ते दामों पर होटल और कमरे उपलब्ध कराये जाएँ ,जहाँ अच्छी सुविधाएँ भी हों |बस फिर क्या था |उन्होंने अपना एक ऑनलाइन” रूम्स बुकिंग कम्युनिटी” शुरू की जिससे लोगों को कम कीमत पर अधिक सुविधा मिलने लगी |अत : रितेश ने Oravel Stays Pvt. Ltd.नाम से एक शुरुवात की जिसमे हर होटल की लिस्ट तथा कमरों की उपलब्धता बताई जाने लगी |कुछ समय पश्चात उनको 30 लाख रूपये का फण्ड भी मिल गया बस फिर उन्होंने नये जोश और विश्वास के साथ काम करना शुरू कर दिया |लेकिन उनके लिए दुख रहा कि कम्पनी से बाद में उन्हें नुक्सान होने लगा और उनको यह बन्द करनी पड़ी |
हार के आगे जीत है :
यह उनका स्टार्ट अप बिसनेस था जो असफल रहा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी |कहते है ” हार के आगे जीत है ” |इसलिए रितेश निराश नहीं हुए |इस से उन्होंने की गई गलतियों को सुधारने के कदम उठाये और उनको सुधारते हुए 2013 में उसी का नाम बदल कर ” OYO Rooms” नाम से वापस कम्पनी लांच की |OYO अर्थात ओन योर ओन |अब इस कम्पनी का मकसद सिर्फ होटल में कमरा देना ही नहीं था वरन सुविधाएँ भी देना होता है |मात्र 2 वर्षों में इन्होने 1500 0 से भी ज्यादा होटल्स को अपने साथ जोड़ा है और अब यह विदेशों में भी अपना परचम लहरा रही है |
प्रेरणास्रोत :
रितेश बचपन से ही मार्क जुकरबर्ग और बिल गेट्स जैसे दिग्गज बिजनेसमैन से बहुत प्रभावित थे |उनको ये मुकाम मिलने के पीछे सबसे बड़ी वजह उनके घूमने का शौक था | उनके घूमने के शौक ने ही उनको इस स्टार्टअप के लिए रास्ता दिखाया |उन्होंने प्रयास किया और एक दिन सफलता के झंडे गाड़ दिए |उन्होंने देख की अधिक पैसे देकर भी सुविधाएँ पूरी नहीं मिलती और कम पैसों में भी अच्छी सुविधाएँ मिलती है ये अंतर क्यों है |क्यों न सब जगह एक जैसा सिस्टम हो |अतः उन्होंने स्टार्टअप किया और ORAVEL STAYS की शुरुआत की लेकिन दुर्भाग्यवश यह घाटे में चला गया |लेकिन रितेश ने हार नहीं मानी और इस योजना को दुबारा अमल में लाने की सोच और पहले जो गलतियाँ की थी उनको सुधारते हुए उन्होंने OYO रूम्स के साथ फिर शुरुवात की |
पारिवारिक पृष्ठभूमि का प्रभाव :
कम दामों पर बेहतरीन सुविधाओं के साथ लोगो को यह पसंद आने लगी और यह दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करने लगे |रितेश को यह सफलता रातों रात हासिल नहीं हुई है |वे कालेज से ड्राप आउट थे |उन्होंने सिम बेचकर काम चलाया |और सिर्फ 22 साल की उम्र में अरबपति बन गया |यह कमाल है एक छोटे से idea और उनके घूमने के शौक का |दिखने में सामान्य बुद्धि वाले लगते हैं |लेकिन सामान्य दिखने वले भी कभी -कभी कमाल कर जाते हैं |उनके सफल होने के पीछे उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी है |क्योंकि उनका जनम एक व्यावसायिक परिवार में हुआ था |वे बिजनेस के सिलसिले में अक्सर ट्रेवल किया करते थे ,यहीं से उनको ओयो रूम्स का idea आया |
ओयो रूम्स का अर्थ है आपके अपने कमरे |जिनका उद्देश्य है न सिर्फ अच्छे रूम्स उपलब्ध करवाना ,बल्कि सुविधाएँ भी अच्छी देना |अब जो भी ओयो रूम्स के साथ जुड़ना चाहता है उसे सबसे पहले कम्पनी से सम्पर्क करना होता है |फिर कम्पनी के कर्मचारी वहां जा कर कमरों तथा सुविधाओं का निरिक्षण करते हैं |यदि वह होटल ओयो की शर्तों पर खरा उतरता है तभी वह ओयो के साथ जुड़ सकता है अन्यथा नहीं |
आज हर महीने 1 करोड़ से भी अधिक लोग ओयो रूम्स की बुकिंग करवाते हैं |यह मात्र 2 वर्षों में ओयो रूम्स 1500 0 से भी अधिक होटलों की श्रंखला में करीब 10 लाख से भी अधिक कमरों की सबसे आरामदायक और सस्ते दामों पर कमरे उपलब्ध कराने वाली शीर्ष स्टार्टअप कम्पनी है |रितेश को 50 Most Influentail Young Indians :Innovtores ki soochi में शामिल किया गया है |इस सूची में उन युवाओं को शामिल किया जाता है जो अपनी नई सोच तथा विचारों से लोगों की जिंदगी में आने वाली परेशानियों का समाधान ढूंढ कर आसान बनाते हैं |
मित्रों आशा है आपको यह पोस्ट पसंद आयेगी |हमारा उद्देश्य है सफल लोगों के जीवन से प्रेरणा ले कर आप लोगों को भी प्रेरित करना |उम्मीद है आपको को इस से प्रेरणा मिलेगी |अगर पसंद आई हो तो अपने साथियों और रिश्तेदारों को भी अवश्य हमारी पोस्ट के बारे में बताये |आपके सुझाव हमारे लिए अमूल्य है |अतः कृपया सुझाव अवश्य दें |धन्यवाद |
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