मित्रों ,आपमें से शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो बैंक नहीं गया होगा |और बैंकों में चैक द्वारा लेन -देन करना आम बात है |अर्थात एमआईसी आर MICR Code तकनीक का प्रयोग आप सभी बहुत पहले से करते आ रहे हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चैक पर एक ख़ास तकनीक MICR का प्रयोग किया जाता है |आइये हम आपको इस के बारे में विस्तार से बताएं |
MICR का full फॉर्म क्या है ?
आप सबने बैंक में जाकर चैक द्वारा लेन देन तो अवश्य किया होगा |यदि आपने गौर किया हो तो आपने देखा होगा कि आपके चैक के नीचे कुछ जानकारियां दी गई होती है जिसको समझना सब के बस की बात नहीं होती |इसमें कुछ विशेष करेक्टर होते हैं जिन्हें एमआईसीआर डिटेक्ट करता है |MICR की full फॉर्म होती है मेग्नटिक इंक केरेक्टर रिकग्निशन (Magnetic Ink Character Recognition )यानी नीचे जो केरेक्टर लिखे जाते हैं वे मैग्नेटिक इंक द्वारा लिखे जाते हैं जिनको MICR रीडर डिटेक्ट कर लेता है |
MICR किस प्रकार useful है ?
MICR एक केरेक्टर रिकग्निशन तकनीक पर आधारित ऐसी डिवाइस है जो चैक को प्रोसेस में ला ती है तथा इसमें एक स्कैनर लगा होता है जो की चैक पर प्रिंटेड कोड पढ़ लेता है |बैंक MICR CODE का प्रयोग चेक पास करने में करते हैं |इन MICR CODE की मदद से चैक की सुरक्षा बढ़ जाती है तथा इस के Code को पढने के लिए MICR READER की ज़रूरत होती है |MICR CODE नौ अंकों का होता है जिसमे पहले तीन अंक शहर का नाम ,अगले तीन अंक बैंक का नाम ,और अंतिम तीन अंक बैंक की ब्रांच के बारे में बताते हैं |
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MICR Code के उपयोग की शुरुआत कब हुई ?
हम्मरे देश में MICR CODE का सर्वप्रथम उपयोग 1980 में हुआ |तभी से इस code सिस्टम का प्रयोग चेक क्लीयरिंग में किया जाने लगा |इससे चेक क्लीयरिंग प्रोसेस में तेजी आती है और तेज जल्दी क्लियर हो जाता है |जब तक इस code के उपयोग की शुरुआत नहीं हुई थी तब चेक को मैनुअली कलेसर किया जाता था तथा गलतियों की सम्भावना अधिक रहती थी |साथ ही चेक क्लियर होने में अधिक समय लगता था |लेकिन अब MICR CODE की मदद से किसी प्रकार के एरर की सम्भावना नहीं रहती है और समय के बचत भी होती है |
IFSC CODE क्या होता है ?
IFSC CODE का full फॉर्म है “Indian Finance System Code (भारतीय वित्तीय प्रणाली सहिंता )”
यह हर बैंक की ब्रांच का Unique Code होता है |यह 11 number का unique code होता है |यह code उन्हीं बैंक शाखाओं को दिया जाता है जो बैंक की NEFT Transaction System की सुविधा देती है |IFSC CODE को RTGS, NEFT और CFMS जैसे इलेक्ट्रोनिक पेमेंट में इस्तेमाल किया जाता है |
IFSC CODE 11 अंकों का होता है |इसके प्रथम 4 अंक बैंक का नाम बताते हैं |पांचवा अंक 0 होता है जो भविष्य में अगर नये बैंक खुलते हैं तब यह 0 का प्रयोग किया जाता है |और आखिरी 6 number ब्रांच code बताता है |अर्थात ब्रांच की लोकेशन कहाँ है |आपके पास जो चेक book होती है उसमे देख कर भी आप IFSC CODE का पता लगा सकते हो |
IFSC CODE की आवश्यकता क्यों है ?
आज की डिजिटल दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति बैंक क्या होता है यह जनता है |और अपने पैसों की सुरक्षा हेतु वह बैंक से connect भी रहता है |बैंक के जागरूक ग्राहक होने के कारण आपको यह जान लेना भी आवश्यक है की IFSC CODE क्यों ज़रूरी है ? यादी आप बड़ी रकम भेज रहे हों तो आपको इस code की ज़रूरत पड़ेगी |किसी को भी लाख से उपर रूपये भेजने या मंगवाने के लिए आपका बैंक आपसे IFSC CODE मांगेगा ही |आप वेबसाइट ,अकाउंट खाते और चेक बुक आदि से यह code जान सकते है |
तो दोस्तों आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी से फायदा हो रहा है या नहीं यह आप लोग ही बता सकते हैं |उम्मीद है इस पोस्ट के माध्यम से आप हमे और अधिक अच्छा लिखने की प्रेरणा देंगे |आपका सुझाव हमें और अभी जानकारियां देने के लिए प्रेरित करेगा |अपने मित्रों ,रिश्तेदारों को हमारी पोस्ट के बारे में अवश्य बताएं |धन्यवाद |
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