हिंदी फिल्मों के स्तम्भ कहे जाने वाले दिलीप कुमार एक महान अभिनेता रहे हैं | इन्हें ट्रेजेडी किन्ग भी कहा जाता है | क्योंकि ये अपने मार्मिक अभिनय से लोगों के दिल को छू लेते थे | इनका असली नाम मोहम्मद युसूफ खान था ,लेकिन फिल्मों में कदम रखने के बाद इनका नाम दिलीप कुमार रखा गया जो इनके लिए बहुत शुभ साबित हुआ |
लगभग 5 दशकों तक फिल्म इंडस्ट्री पर राज करने वाले दिलीप कुमार ने 1940 में फिल्मों में काम करना शुरू किया था | उस समय फिल्म जगत अपने शुरुवाती दौर में था | उनके समय में हिंदी सिनेमा में न तो अधिक अभिनेता हुआ करते थे और न ही फिल्म बनाने वाले डायरेक्टर हुआ करते थे | हमारे देश की आज़ादी से पूर्व देश की जनसंख्या भी कम थी इसलिए दर्शक वर्ग भी काम था |
दिलीप कुमार का पूरा और असली नाम मोहम्मद युसूफ खान था | इनका जनम 11 दिसम्बर 1922 को हुआ था | इस हिसाब से इनकी उम्र 95 वर्ष है | इनका गृह नगर मुंबई है | इनकी खाना बनाने में भी बहुत रूचि है | दिलीप जी का जनम स्थान पेशावर है | इनकी शिक्षा के बारे में जानकारी नहीं है | लेकिन कहा जाता है कि दिलीप जी ने नासिक के पास किसी स्कूल से पढाई की थी फिर इनका परिवार बॉम्बे आकर रहने लगा |
दिलीप जी के बारें मे जानकारी संक्षिप्त में
दिलीप जी के पिता का नाम लाला गुलाम सर्वर तथा माता का नाम आयशा बेगम था |इनके 12 भाई बहन थे इनकी पत्नी अपने समय की मशहूर अभिनेत्री सायरा बानो हैं |कहा जाता है की सन 1980 में दिलीप कुमार ने दूसरा विवाह भी किया था लेकिन 1982 में उन्होंने अपनी दूसरी पत्नी आसमा रहमान को तलाक दे दिया था |
नाम Name | दिलीप कुमार |
असली नाम Real Name | मुहम्मद युसुफ खान |
चालू नाम Nickname | ट्रैजेडी किंग |
जन्म तारीख Date of Birth | 11 दिसंबर 1922 |
उम्र Age | 95 साल |
जन्म स्थान Birth Place | पेशावर उत्तर-पश्चिम प्रोविंस, ब्रिटिश इंडिया |
राशि Zodiac Sign | धनु राशि |
गृह नगर Home Town | मुंबई |
नागरिकता Nationality | भारतीय |
शिक्षा Education Qualification | NA |
धर्म Religion | इस्लाम |
रुचि Hobby | खाना पकाना |
वैवाहिक स्थिति Marital Status | विवाहित |
दिलीप कुमार के पिता फल बेचने का कारोबार करते थे | कहते हैं कि किसी मतभेद के चलते दिलीप कुमार ने अपने पिता का घर छोड़ दिया था और पुणे जाकर रहे | पुणे में उनकी मुलाक़ात एक कैंटीन चालक से हुई जिनकी मदद से दिलीप जी ने एक सैंडविच का स्टॉल लगा लिया | बाद में वे 5000 रूपये जोड़कर अपने घर मुंबई लौट आये | यहाँ वे नया काम तलाशने लगे |
दिलीप कुमार की पहली फिल्म थी ज्वार -भाटा | इस फिल्म को निर्देशित किया था अमेय चक्रवर्ती | यह फिल्म 7 जुलाई 1944 को रिलीज़ हुई थी | इस फिल्म के कलाकार थे आगा जान ,विक्रम कपूर ,मृदुला रानी शमीम बानो और रूमा गुहा ठाकुरता | इसके बाद दिलीप जी ने फिल्म जुगनू में काम किया | जिसने इन्हें रातों रात स्टार बना दिया | बस अब उनके पास तो मानो फिल्मो के ऑफर्स के लाइन लग गई |
1949 में राज कपूर जी ने दिलीप कुमार को नरगिस के साथ फिल्म “अंदाज़’ के लिए साइन किया |इस फिल्म ने सारे रेकॉर्ड तोड़ कर सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बन गई |1950 में हिंदी सिनेमा ने गति पकड़ ली | दिलीप कुमार द्वारा की गई दीदार ,दाग और जोगन फिल्मों की वजह से उनको जो ट्रेजेडी किंग का नाम मिला था अब उसमे बदलाव आने लगा | शायरा बानो ने जब दाग फिल्म में दिलीप जी को देखा तो अपना दिल दे बैठी थीं |
फिल्म दाग के लिए इन्हें पहला फिल्म फेयर बेस्ट एक्टर अवार्ड मिला | इसके बाद दिलीप जी ने वैजयंती माला जी और सुचित्रा सेन के साथ फिल्म देवदास की जो उनके कॅरियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई | उन्होंने आन और आज़ाद जैसी फिल्मो में कॉमेडी भी की | 1960 में दिलीप जी ने” कोहिनूर’ फिल्म की जिसने उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार दिलाया |
दिलीप कुमार का वैवाहिक जीवन –
सन 1966 में दिलीप कुमार ने हिंदी फिल्म जगत की खूबसूरत अदाकारा सायरा बानो से निकाह किया ,जो उनसे उम्र में बहुत छोटी थीं | उस समय इनकी उम्र का अंतर लोगों में चर्चा का विषय बन गया | लेकिन आज भी ये दोनों साथ हैं और बॉलीवुड का एक हसींन और सफल जोड़ा माना जाता है | कहते हैं की सायरा बानो माँ बनने वाली थीं तभी एक हादसे ने उनकी यह चाह अधूरी रख दी | तत्पश्चात दिलीप कुमार ने आसमा रहमान नामक महिला से दूसरी शादी भी की थी लेकिन मात्र दो वर्ष बाद ही इनका तलाक हो गया |
सायरा बानो दिलीप कुमार की तब से बहुत बड़ी फैन थी जब वे मात्र 12 वर्ष की थीं | दोनों का फिल्म लाइन में होना उनको मिलाने के लिए काफी था | दिलीप कुमार भी सायरा की ख़ूबसूरती के कायल थे | बस फिर क्या था | दोनों का निकाह हो गया | दिलीप कुमार जी सायरा बानो से 22 वर्ष बड़े हैं | फिर भी इन दोनों के प्यार में कोई कमी नहीं है |जब उन्होंने सायरा को प्रपोज़ किया था तब वह फिल्म झुक गया आसमान में कार्य कर रही थीं |
दिलीप जी की फिल्मों में एंट्री कैसे हुई ?
जब दिलीप कुमार पुणे से लौटकर काम की तलाश में रहते थे तभी उनका भाग्य चमका | 1943 में उनकी मुलाकात चर्च गेट स्टेशन पर डॉ. मसानी से हुई | डॉ मसानी ने दिलीप जी को बॉम्बे टॉकीज़ में काम करने का ऑफर दे दिया | जीवन में सफलता मिलने लगी और इनकी मुलाकात बॉम्बे टाकीज़ की मालकिन देविका रानी से हुई | जिन्होंने इन्हें 1250 रूपये सालाना का एग्रीमेंट पर रख लिया |
बॉम्बे टॉकीज़ में उनकी मुलाकात अशोक कुमार जी हुई जो चोटी के अभिनेता रहे हैं | अशोक कुमार जी दिलीप के अभिनय के कायल थे |दिलीप जी की हिंदी तथा उर्दू भाषा पर अच्छी पकड़ थी इसलिए फिल्म की कहानी और स्क्रिप्ट लेखन में ये मदद करते थे | दिलीप कुमार ने अपना नाम देविका रानी के कहने पर ही बदला था | 1944 में उन्हें एक फिल्म में लीड रोल मिला ,हालाँकि यह फिल्म चली नहीं लेकिन दिलीप जी को फिल्मो में एंट्री मिल चुकी थी |
70 के दशक तक हिंदी सिनेमा पर दिलीप जी राज किया फिर अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना तथा कई फ़िल्मी सितारों के आगमन के बाद दिलीप जी को काम मिलना कम हो गया | तब उन्होंने लगभग 5 वर्षों तक फिल्मों में काम नहीं किया | फिर1981 में आयी मल्टी स्टारर फिल्म क्रांति से धमाकेदार वापसी की | इसके बाद वे अपनी उम्र के हिसाब से फिल्मों का चुनाव करने लगे | 1991 में आयी सौदागर उनकी यादगार फिल्मों में से एक है |आखिरी बार वे फिल्म किला में नज़र आये इसके बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से सन्यास ले लिया |
दिलीप कुमार जी ने एक निर्देशक के रूप में भी कोशिश की और फिल्म कलिंगा बनाने की तैयारी की | लेकिन किसी कारणवश यह काम आगे नहीं बढ़ पाया |
दिलीप कुमार के बारे में रोचक बातें –
- फिल्म इंडस्ट्री में 6 दशकों तक काम करने वाले ऐसे अभिनेता जिन्होंने पहला और सर्वाधिक फिल्म फेयर अवार्ड जीते |
- राज कपूर जी जो दिलीप जी के अच्छे मित्र थे , ने ही इनको फिल्मों में आने की सलाह दी थी | दिलीप जी एक अच्छे फुटबॉल के खिलाड़ी भी थे |
- 1960 के दशक में आयी मुगलेआज़म फिल्म सन 2008 तक हिंदी सिनेमा में दुसरे नम्बर पर सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्म रही जो की एक रिकॉर्ड है |
- दिलीप जी एक सामाजिक कार्यकर्ता भी रहे हैं जिन्होंने भारत और पाकिस्तान के बाच मैत्री भाव बढ़ाने का प्रयास किया |
- सन 2000 में दिलीप जी संसद के सदस्य भी चुने गए | वे हमेशा सबकी मदद करने के लिए तैयार रहते थे वैवाहिक जीवन के 50 वर्ष पूरे किये हैं जो आज के दौर में एक मिसाल है |
- दिलीप जी अपनी पत्नी सायरा बानो से २२ वर्ष बड़े हैं | फिर भी इस जोड़े ने २ साल पहले ही
- चाहे ये दम्पति नि :संतान है फिर भी इनके प्यार में कोई कमी नहीं आयी है | आज भी पत्नी सायरा दिलीप जी की सेवा बड़ी शिद्दत से करती हैं |
- दिलीप जी सायरा की ख़ूबसूरती पर फ़िदा हैं | उन्होंने सायरा जी को पहली बार एक जन्मदिन की पार्टी में देखा था | वे अपनी फिल्मो में भी सायरा बानो को ही अभिनेत्री के रूप में पसंद करते थे |
- सायरा बानो की सुंदरता पर फ़िदा होने के कारण इन्होने उन्हें प्रपोज़ किया | उधर सायरा जी भी 12 वर्ष की उम्र से ही दिलीप को पसंद करती थीं |
- सायरा से पहले दिलीप जी कामिनी कौशल के प्रति भी आकर्षित हुए थे | लेकिन कामिनी पर परिवार की कुछ ज़िम्मेदारियाँ थी जिनकी वजह से उसने इसे नकार दिया |
- कहा जाता है की उस समय की सबसे खूबसूरत अ|दाकारा मधुबाला से दिलीप प्यार हो गया था | दिलीप जी माधबाला से शादी भी करना लेकिन मधुबाला के पिता इसके सख्त खिलाफ थे | इसलिए यह रिश्ता आगे नहीं बढ़ा |
- दिलीप कुमार ने पिता न बन पाने की वजह अपनी आत्मकथा ” द सबस्टांस एन्ड द शैडो” में बताई है|
दिलीप कुमार की कुल सम्पत्ति –
दिलीप का जीवन सफल और प्रेरणदायक रहा है | किसी गैर मुल्क में रह कर इस मुकाम पर पहुंचना ,लोगों के प्रिय बन पाना ,नाम कमाना इतना आसान काम नहीं है जितना हम समझते हैं | लेकिन दिलीप जी ने यह असंभव काम को संभव कर दिखाया |
हालाँकि इनके पिता फल बेचने का काम करते थे औरउसमे चला पाना आसान नहीं था | लेकिन एक गरीब परिवार में जन्म लेने के बावजूद इन्होने इतनी मेहनत की कि किस्मत ने भी साथ दिया | आज के समय इनकी नेट वर्थ लगभग 65 मिलियन डॉलर तक है | जो हर किसी के बस की बात नहीं है |
दिलीप कुमार के अचीवमेंट्स
पुरस्कार :
1983 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – शक्ति
1968 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – राम और श्याम
1965 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – लीडर
1961 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – कोहिनूर
1958 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – नया दौर
1957 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – देवदास
1956 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – आज़ाद
1954 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – दाग
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