हमारा देश बहुत विशाल है |जनसँख्या की दृष्टि से यह विश्व का दूसरा देश है |अर्थात यहाँ चीन के बाद सबसे अधिक लोग निवास करते हैं |किसी भी देश की जनसँख्या में उस देश के सभी लोगों का विशेष योगदान बराबर होता है |चाहे वह स्त्री हो या पुरुष |बड़े हों या छोटे बच्चे |जिस देश में सर्वाधिक लोग रहते हैं ,उस देश का विकास तेजी से होता है |लेकिन यह विकास तभी सम्भव है जब देश में हर नागरिक को समान अवसर मिले |
Beti bachao beti padhao in hindi essay
हमारे देश की यह विडंबना है कि यहाँ प्राचीन काल से ही स्त्रियों को पुरुषों से कम अंक जाता है |उसको हमेशा पुरूषों के अधीन रहने पर जोर दिया जाता है |इसका परिणाम यह हुआ की स्त्री को वह स्थान नही दिया जाता है जिसकी वह पात्र है | इसके कई कारण हैं जैसे –
1.परम्पराएँ :-
स्त्रियों को समाज में बराबरी का स्थान इसलिए नहीं मिलता क्योंकि समाज में जो पुरानी परम्पराएँ और सोच चली आ रही है की स्त्री को पुरुषों के अधीन ही रहना है |जबकि स्त्री पुरुषों से अधिक सक्षम है |समाज को इस सोच को बदलना चाहिए की स्त्री किसी से कम है |
2 अशिक्षा :-
किसी भी समाज के पतन का प्रमुख कारण है अशिक्षा |यही वजह है कि हमारे देश में जो अशिक्षित तबका है ,वह दकियानूसी बातों पर हे विश्वास करता है की स्त्री सिर्फ घर के काम करने और बच्चों की देखभाल के लिए ही बनी है |उसका इस के अलावा कोई वजूद नहीं है |इस सोच को बदलने के लिए शिक्षा को बढ़ावा देना होगा |
3 .अंधविश्वास :-
अशिक्षित समाज में अंधविश्वास का बहुत बोलबाला होता है |जो लोग पढ़े लिखे नहीं होते हैं वे सुनी हुई बातों पर आसानी से विश्वास कर लेते हैं |वे बात की तह तक नहीं जाते |इसलिए हमारे देश में यह अंधविश्वास फिला हुआ है कि स्त्रियों को अधिक प्रोत्साहन देने से परिवार में मुसीबतें आती है |जो की बिलकुल गलत है |
4.दहेज़ प्रथा :-
स्त्रियों के पिछड़ने का सबसे प्रमुख कारण है समाज में व्याप्त दहेज प्रथा |यह एक नासूर की तरह है |इस प्रथा के कारण परिवार में यदि लड़की पैदा हो जाती है तब लोग खुश होने के बजाय दुखी हो जाते है क्योंकि उस लड़की की शादी के लिए दहेज़ का इंतजाम करना पड़ता है |समाज के दहेज़ के लोभी अक्सर लड़की को दहेज़ न लाने की स्तिथि में प्रताड़ित करते हैं और कई बार लड़की की जान तक ले लेते हैं |कहने का तात्पर्य यह है की यह प्रथा नारी उत्थान में सबसे बड़ी बाधा है |लड़कियों की कमी का सबसे प्रमुख कारण ही दहेज़ प्रथा है |एक गरीब के घर में बेटी के पैदा होते ही उसको मारने के तरीके खोजने शुरू हो जाते हैं |सरकार ने इसे रोकने के लिए बेटी पढ़ाओ ,बेटी बचाओ अभियान |
5. लिंग जाँच की सुविधा :-
हमारे देश में जब से लिंग जांच हेतु अल्ट्रा साउंड सुविधा उपलब्ध हुई है ,तब से देश में कन्या भ्रूण हत्या का ग्राफ निरंतर बढ़ता जा रहा है |लोग इस सुविधा का नाजायज लाभ उठाने लगे हैं |वे कुछ रुपयों का लालच दे कर डॉक्टर से लिंग जांच करवाता हैं कि पेट में पल रहा बच्चा अगर लड़की है तो उसको दुनिया में आने से पहले ही गर्भ में ही मार देते है ,ताकि भविष्य में उनको दहेज़ न जुटाना पड़े |
6.स्त्री का स्त्री द्वारा शोषण :-
हमारे देश में लड़कियों की संख्या दिनों दिन कम होने का एक प्रमुख कारण महिलाओं का महिलाओं के प्रति नजरिया सही न होना है |एक लडकी जब विवाह कर के ससुराल आती है तो उसको बेटी का दर्ज़ा नहीं मिलता |परिवार की मुखिया सास हमेशा उसको अपनी प्रतिद्वंदी समझती है |बेटा पैदा न होने पर सास बहु को ताने मारती है और दहेज़ न लाने या कम लाने पर उस पर अत्याचार करती है |ज़ाहिर है यदि महिला ही एक औरत के विरूद्ध होगी तो नारी और नर समानता की बात झूठ प्रतीत होती है |
बेटी बचाना आवश्यक है :
पृथ्वी पर यदि मनुष्य जाति का अस्तित्व चाहिए तो समाज में बेटियों का होना आवश्यक है |क्योंकि आदमी और औरत की बराबर भागीदारी से ही दुनिया कायम है |लेकिन दोनों की संख्या में संतुलन आवश्यक है |कन्या शिशु हमारे भगवान् का दिया नायाब तोहफा है |यदि दुनिया में स्त्री नही होगी तो यह वीरान हो जाएगी |क्योंकि एक स्त्री ही बच्चे को जनम देकर इसे आबाद रखती है |किसी भी देश के विकास के लिए लड़कियों का समान अस्तित्व ज़रूरी है |
बेटी बचाओ अभियान क्यों ?
जैसा की ऊपर कुछ कारणों पर प्रकाश डाला गया है कि हमारे देश में महिलाओं और पुरुषों का अनुपात समान क्यों नहीं है |इस अनुपात को समान बनाने के लिए सरकार ने बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया है जिसमे सरकार ने बेटियों की रक्षा हेतु कई कारगर कदम उठाये हैं जैसे :-
1.सरकार ने 1961 से कन्या भ्रूण हत्या को एक गैर क़ानूनी अपराध घोषित किया है और लिंग परिक्षण के बाद गर्भपात पर प्रतिबंध लगा रखा है |
2.लड़कियों को शिक्षित करने के लिए सरकार ने सब के लिया शिक्षा अधिकार नियम लागू किया है ताकि कोई भी लड़की शिक्षा से वंचित न रहे |
3.लड़कियों पर होने वाले घरेलू हिंसा को रोकने के लिए सरकार ने पुरुषों को पाबन्द किया है ,जो इसका पालन नहीं करेगा सरकार उनको दंड देती है |
4.पाठशालाओं में सरकार लड़कियों के लिए शौचालयों का निर्माण करवाती है ताकि किसी भी कारण से लडकियां शिक्षा से वंचित न रहें |
5 .स्कूली शिक्षा के पूर्ण होने के बाद सरकार लड़कियों को उच्च शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करती है ताकि वह अपने पैरों पर ख ड़ी हो कर स्वावलंबी बने |
6.जब भी किसी परिवार में एक लड़की जनम लेती है तब घर वाले उसको बोझ न समझे ,इस के लिए सरकार शिशु कन्या के नाम से आर्थिक सहायता भी मुहय्या कराती है |
7. लड़कियां कुपोषण का शिकार न हों इस के लिए सरकार समय- समय पर आंगनवाड़ी के माध्यम से लड़कियों के लिए आयरन ,विटामिन आदि की व्यवस्था करती है |
8.प्रतिभावान लड़कियां जो पढाई में अव्वल रहती हैं ,माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करती हैं ,सरकार उन्हें गार्गी पुरस्कार से सम्मानित करती हैं ताकि लड़कियों को पढने के लिए प्रोत्साहित करें
9.जो लड़कियां दूर दराजों में रहती है ,जिन्हें विद्यालय तक पहुचने में असुविधा होती है सरकार उनको स्कूटी वितरण भी करती है ताकि किसी भी कारन से लड़कियां शिक्षा से वंचित न रहें ||
10.अब यदि कोई व्यक्ति लिंग परीक्षण करवाना या करना चाहता है तो सरकार उसके खिलाफ कार्यवाही करती है |जो यह परिक्षण करता है उसको जेल की सजा तथा जुर्माना भरना पड़ता है |
निष्कर्ष
बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ योजना जो भारतीय सरकार द्वारा 22 जनवरी 2015 को कन्या शिशु की रक्षा हेतु बनायीं गई योजना है |इसका तात्पर्य यह कि बेटी को बोझ मत समझो |एक शिक्षित बेटी हे एक सुशिक्षित समाज का निर्माण करती है |इसलिए लड़की पैदा होने के बाद उसको खूब पढ़ाओ |इस अभियान को आगे बढाने के लिए सरकार ने कई गतिविधिया संचालित की जैसे -बड़ी बड़ी रैलियां ,वीडियो फ़िल्में ,टी.वी.विज्ञापन ,होर्डिंग्स ,निबंध लेखन प्रतियोगिता ,वाद -विवाद प्रतियोगिता ,नुक्कड़ नाटक आदि का आयोजन किया |इसका सकारात्मक परिणाम आने लगा है |
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