सभी पाठकों को हिंदी दिवस २०२० की शुभकामनाएं
हमारा भारत एक बहुत विशाल देश है | यहाँ कई प्रकार के रीति रिवाज़ ,त्यौहार , धर्म और भाषाएँ हैं |लेकिन इतनी अनेकताओं में एकता ही इस देश को सबसे अलग दर्शाती है | जहाँ तक भाषाओँ की बात की जाये तो इनकी भी संख्या बहुत है |जैसे कश्मीरी ,बंगला ,मराठी ,पंजाबी ,हिंदी आदि |
लेकिन चाहे अलग -अलग राज्यों में अलग -अलग भाषाएँ बोली जाती हों लेकिन हिंदी भाषा सम्पूर्ण भारत में बोली जाती है |क्योंकि यह हमारी राजभाषा है |इसी कारण प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाया जाता है क्योंकि 14 सितम्बर 1949 को हमारे भारत कि संविधान सभा ने हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था |तभी से हिंदी भाषा को सम्मान देने हेतु प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जाता है |
हमारे देश में हिंदी भाषा बहुत पहले से ही बोली जाती रही है |लेकिन आज -कल हिंदी को वह स्थान नहीं दिया जा रहा है जो उसको मिलना चाहिए |जिसका कारण है अंग्रेजी भाषा की ओर रुझान | इसलिए हिंदी भाषा का महत्व कम होता जा रहा है | इसको बढ़ावा देने के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता है |
इसके लिए हिंदी में नाटक ,वाद -विवाद प्रतियोगिताएं ,भाषण ,निबंध लेखन ,कविता -पाठ गीत -गायन लघु -नाटक आदि का आयोजन किया जाता है |
हिंदी भाषा इतनी समृद्ध है कि यह पूरी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली तीसरी भाषा है |यह सभी भारतीयों के लिए बड़े गर्व की बात है | हमारी भाषा हिंदी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी काफी प्रचलित है |
लेकिन यह हमारी विडंबना है कि आज विश्व क्व दुसरे देश हिंदी भाषा सीखने की ओर रुख कर रहे हैं ,और हमारे देश के लोग हिंदी का सम्मान नहीं करते |अंग्रेजी स्कूलों की बहुलता ने लोगों को अंग्रेजी की ओर झुका दिया है और अंग्रेजी जानने वाले हिंदी को सम्मान नहीं देते |जो अंग्रेजी की जगह हिंदी का प्रयोग करता है उसे कमतर आंकते हैं |
आवश्यकता इस बात की है कि हमे अपनी मातृभाषा का सम्मान करना होगा | आने वाली पीढ़ी को भी समझाना होगा कि हिंदी भाषा हमारे देश का गौरव है | इसको बनाये रखने के लिए 14 सितम्बर 1953 को हिंदी दिवस मनाना शुरू किया गया था | तब से प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जाता है |
आज की पीढ़ी को अन्य दिवस मनाने की जो उत्सुकता रहती है वह हिंदी दिवस को मनाने में नहीं दिखती |यदि हम खुद इसे सम्मान नहीं देंगे तो आगे क्या होगा हमको समझना होगा |
किसी भी देश की भाषा उसका गौरव और विरासत होती है | जिस तरह हम तिरंगे झंडे का सम्मान करते हैं उसी तरह हिंदी भाषा को भी आदर देना चाहिए | हिंदी बोलते या लिखते समय गौरान्वित महसूस करना चाहिए |यह भाषा हमारे संस्कारों का प्रतिबिम्ब है |
धन्यवाद
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